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Mere Bhaav, Mere Shabd / मेरे भाव, मेरे शब्द

Author Name: J.P. Gupta ‘Jagat’ | Format: Paperback | Genre : Poetry | Other Details

मेरी काव्य रचना  ‘मेरे भाव,मेरे शब्द’ अन्तर्मन में पुष्पित एवं पल्लवित राष्ट्र प्रेम, भाषा प्रेम, ईश्वर के प्रति अगाधश्रद्धा, समाज में व्याप्त विभिन्न सामाजिक कुरीतियाँ, मानव मूल्यों, नारी सशक्तिकरण आदि विषय रहे हैं। हिन्दी के प्रति अपने अगाध प्रेम के कारण प्रारंभ से ही हिन्दी मेरे मन-मस्तिष्क में रची बसी है और ग्रामीण/अर्ध्द शहरी क्षेत्र का वासी होने के कारण उस परिवेश को एवं सामान्य जीवन शैली के तत्वों को मैंने अपनी कविता का अंर्तवस्तु बनाया है। सर्वधर्म समभाव की भावना को बलवती करती कविताएँ भी मेरे पुस्तक का अंग हैं।

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जे.पी. गुप्ता ‘जगत’

मैं मूलतः जनपद अयोध्याजी उत्तर प्रदेश के एक छोटे से कस्बे गोशाईगंज का निवासी हूँ। अर्ध्दशहरी पृष्ठभूमि में पला बढ़ा। सामान्य सरल जीवन जीने एवं हिन्दीभाषी प्रदेश का होने के कारण हिन्दी के प्रति अगाध श्रद्धा, देश-प्रेम की भावना, मानव मूल्यों के प्रति समर्पण, ईश्वर के प्रति कृतज्ञता आदि नैसंर्गिक गुणों को अपने में समाहित करने का अवसर मिला जो मेरे शब्द में भी पूरी तरह समाहित हो गया। वर्तमान में उत्तर प्रदेश सरकार में प्रशासनिक सेवा में होने के कारण सामाजिक-राजनैतिक परिदृश्य को बहुत पास से देखने का अवसर मिला जिसका भी लाभ प्राप्त हुआ और अपने काव्य में उन्हें भी समाहित करने का प्रयास किया ? मेरी काव्य रचना जहाँ एक तरफ सांस्कृतिक राष्ट्रवाद एवं देशप्रेम को समर्पित है वहीं समाज में घटित हो रही घटनाओं/बुराइयों को भी अपने में समाहित किए हुए हैं। साथ ही ईश्वर आराधन, सर्वधर्म समभाव की भावना, नारी सशक्तीकरण जैसे विषयवस्तु पर भी कविताओं की रचना की गयी है। मेरी रचनाओं में त्रुटियाँ होना स्वाभाविक है जिस संबंध में आपका मार्गदर्शन एवं सुझाव सादर आमंत्रित है। आशा है आप सभी का अपार स्नेह एवं प्यार सदैव मुझे मिलता रहेगा।

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